पीएम मोदी भी सैनिकों का हौसला बढ़ाने कारगिल पहुंचे थे।पीo एम मोदी भी सैनिकों का हौसला बढ़ाने कारगिल पहुंचे थे। -
दुश्मन टाइगर हिल की चोटी पर था और श्रीनगर, द्रास, कारगिल और लेह मार्ग पर गोलाबारी कर रहा था। टाइगर हिल पर विजय पताका फहराने के लिए देश के करीब 44 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी। 15 मई से 2 जुलाई तक 8 सिख के जवानों ने टाइगर हिल की घेरेबंदी करके रखी। इसके बाद विजय पताका फहराने का जिम्मा 18 ग्रेनेडियर को दिया गया था।
18 ग्रेनेडियर ने करीब 36 घंटे आपरेशन चलाया और टाइगर हिल पर तिरंगा लहराया। दिवस की 21वीं वर्षगांठ 26 जुलाई को मनाई जाएगी। कोरोना के चलते इस साल देश में विजय दिवस पर बडे़ कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होगा। कहा कि यदि चीन ने भी पाकिस्तान की तरह नापाक हरकत की तो उसे भी भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब देगी।
18 ग्रेनेडियर का नेतृत्व सेवानिवृत्त ब्रिग्रेडियर खुशहाल ठाकुर (तत्कालीन कर्नल) ने किया। उन्होंने बताया कि 18 ग्रेनेडियर की कमांडो टीम की अगुवाई कैप्टन बलवान सिंह ने की। 18 ग्रेनेडियर के जवानों के अपने खाने का सामान कम कर असलहा और बारूद भर लिया। हवलदार योगेंद्र यादव ने बुरी तरह घायल होने के बावजूद दुश्मनों की कई चौकियों को तबाह कर दिया। इसी वीरता के लिए हवलदार योगेंद्र यादव को परमवीर चक्र से नवाजा गया।
18 ग्रेनेडियर की कमांडो टीम का नेतृत्व करने वाले कैप्टन बलवान सिंह को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। टाइगर हिल पर तिरंगा फहराने के लिए कैप्टन सचिन और हवलदार मदन लाल को वीरचक्र से नवाजा गया। 36 घंटे के ऑपरेशन में 18 ग्रेनेडियर के 9 जवान शहीद हुए। कारगिल युद्ध में अदम्य साहस के लिए 18 ग्रेनेडियर को 52 वीरता पुरस्कार दिए गए। 18 ग्रेनेडियर का नेतृत्व करने वाले तत्कालीन कर्नल खुशहाल ठाकुर को युद्ध सेवा मेडल से नवाजा गया।
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