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हिमाचल में हजारों को मिलेगा रोजगार, कॉलेजों में शुरू होंगी परीक्षाएं, जानें कैबिनेट के बड़े फैसले



हिमाचल कैबिनेट की बैठक शुक्रवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जहां नौकरियों का पिटारा खुला, वहीं कोरोना काल के बीच स्कूल-कॉलेजों में दाखिलों और परीक्षाओं को लेकर भी महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। वहीं देश की सेवा के लिए भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना और अर्द्ध सैनिक बल में भर्ती के इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए मंडी के सरकाघाट क्षेत्र के बरछवाड़ में प्रशिक्षण अकादमी और केंद्र स्थापित करने को मंजूरी दी। 


हिमाचल कैबिनेट की बैठक शुक्रवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बैठक में फैसला लिया कि कॉलेजों में फर्स्ट ईयर और स्कूलों में जमा एक कक्षा में दाखिलों को 13 जुलाई से ऑनलाइन शुरू किया जाए, ताकि कोरोना महामारी के बीच अभिभावकों और विद्यार्थियों को दाखिले के लिए स्कूलों में न आना पड़े।
 
इसके अलावा कॉलेजों में यूजी के छठे सेमेस्टर की परीक्षाएं 16 अगस्त के बाद ली जाएंगी। बैठक में यूजीसी की गाइडलाइन पर चर्चा हुई। शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय की तैयारियों को लेकर मंत्रिमंडल को जानकारी दी गई। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि सरकार ने 16 अगस्त के बाद परीक्षाएं लेने का फैसला लिया है। जल्द ही इसकी डेटशीट जारी की जाएगी। विद्यार्थियों को नजदीकी केंद्रों में परीक्षा देने की छूट होगी। विश्वविद्यालय में पीजी की परीक्षाएं सितंबर में होंगी। 

कैबिनेट ने 13 जुलाई से स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई दोबारा शुरू करने को भी मंजूरी दी। स्कूलों और कॉलेजों में प्रिंसिपलों और शिक्षकों को जरूरत के हिसाब से बुलाने को कहा।  

हिमाचल कैबिनेट की बैठक शुक्रवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कॉलेजों में फर्स्ट और सेकेंड ईयर की पढ़ाई और परीक्षाओं पर आने वाले दिनों में फैसला लिया जाएगा। प्रदेश में शिक्षण संस्थान 31 जुलाई तक बंद रखे जाएं
Hp cabinet meeting
मंत्रिमंडल ने शिमला में लोक निर्माण विभाग के तहत नए बागवानी खंड खोलने का निर्णय लिया। बागवानी विभाग के वर्तमान सभी उपमंडलों को इस मंडल के प्रशासनिक नियंत्रण में लाया जाएगा। यह नया बागवानी मंडल जैव इंजिनियरिंग तकनीक के माध्यम से सड़क के किनारे पौधरोपण और ढलान स्थिरता जैसी गतिविधियों को सुनिश्चित करके हरित सड़कों के निर्माण में मदद करेगा। 
Cabinet decision


कैबिनेट ने देश की सेवा के लिए भारतीय सेना/नौसेना/वायु सेना व अर्द्ध सैनिक बल में शामिल होने के इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए जिला मंडी के सरकाघाट क्षेत्र के बर्चवाड में प्रशिक्षण अकादमी/केंद्र स्थापित करने को अपनी स्वीकृति प्रदान की। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा है कि सीबीएसई की तर्ज पर नवीं से जमा दो कक्षा का सिलेबस कम करने का अभी कोई विचार नहीं है। कोरोना संकट के चलते सरकार ने एक शैक्षणिक सत्र के दौरान दी जाने वाली छुुट्टियों के कोटे को अभी समाप्त करने का फैसला लिया है। हालात अगर नहीं सुधरे तो सिलेबस कम करने पर विचार किया जाएगा।
 
हिमाचल सरकार भवनों, सड़कों और पुलों के निर्माण कार्य की गुणवत्ता सुधारने को केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) का वर्क मैनुअल-2019 अपनाएगी। मंत्रिमंडल बैठक में शुक्रवार को इसकी मंजूरी दी गई। यह वर्क मैनुअल राज्य लोक निर्माण विभाग के लिए मार्गदर्शिका के रूप में काम करेगा। नई निर्माण तकनीक से सड़कों की दशा सुधरेगी और भवन निर्माण भी नई तकनीक से होगा। प्रदेश में टेंडर प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। 21 और 28 दिन के बजाय अब 7 और 14 दिन में विकास कार्यों के टेंडर अवार्ड होंगे। सड़क निर्माण की अपेक्षा केंद्रीय लोक निर्माण विभाग का फोकस भवन निर्माण पर रहता है। सीपीडब्ल्यूडी के भवन निर्माण के नियमों को बेहतर माना जाता है। हालांकि, हिमाचल लोनिवि भी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के नियमों को अपनाता रहता है, लेकिन अब सरकार ने इसके वर्क मैनुअल अपनाने को मंजूरी दी है।


विभिन्न अधिनियमों के तहत बनाए जाने वाले रजिस्टरों/प्रपत्रों की संख्या को कम करने और राज्य में विभिन्न श्रम कानूनों की आवश्यकताओं के अनुपालन उपायों के लिए मंत्रिमंडल ने विभिन्न श्रम नियमों के तहत हिमाचल प्रदेश अनुपालन सुगमता रजिस्टर नियम 2019 को अपनाने का निर्णय लिया। सीटू के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा कहते हैं कि पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह संशोधन किया है। इससे कामगारों का अहित होगा। श्रम एवं रोजगार विभाग के प्रदान सचिव केके पंत ने कहा कि केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार यह संशोधन किया है। 

हिमाचल में इन्वेस्टर्स मीट के करीब एक लाख करोड़ के समझौता ज्ञापनों के बाद नए उद्योगों को धरातल पर उतारने की कवायद तेज कर दी गई है। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए श्रम कानूनों में संशोधन किया गया है। शुक्रवार को मंत्रिमंडल ने औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) हिमाचल प्रदेश (संशोधन) नियम-2019 को मंजूरी दी। सरकार की दलील है कि वैश्वीकरण की चुनौतियों का सामना करने और व्यवसाय के तरीकों में नियोक्ता को लचीलापन देने और श्रमिकों को लाभ पहुंचाना मूल मकसद है। सरकार ने केंद्र के नियमों को आधार मानकर यह कदम उठाया है। राज्य में अभी तक औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) अधिनियम, 1946 लागू थे। इसके बाद बनाए गए नियमों के तहत अपने अधिकार क्षेत्र में औद्योगिक प्रतिष्ठान निश्चित अवधि के रोजगार श्रमिकों के लिए प्रावधान किया है।

विभिन्न अधिनियमों के तहत बनाए जाने वाले रजिस्टरों/प्रपत्रों की संख्या को कम करने और राज्य में विभिन्न श्रम कानूनों की आवश्यकताओं के अनुपालन उपायों के लिए मंत्रिमंडल ने विभिन्न श्रम नियमों के तहत हिमाचल प्रदेश अनुपालन सुगमता रजिस्टर नियम 2019 को अपनाने का निर्णय लिया। सीटू के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा कहते हैं कि पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह संशोधन किया है। इससे कामगारों का अहित होगा। श्रम एवं रोजगार विभाग के प्रदान सचिव केके पंत ने कहा कि केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार यह संशोधन किया है।
 


यह ‘फिक्स्ड टर्म इम्पलायमेंट वर्कमैन’ को समान वैधानिक लाभ देगा। इस संशोधन के बाद से नियोक्ता को तय समय अवधि के लिए रोजगार देने की छूट होगी। वर्तमान में प्रदेश के उद्योगों और अन्य संस्थानों में कामगारों की रेगुलर भर्तियां ही की जा सकती थीं। अगर किसी संस्थान में पचास से अधिक कामगार हैं तो संस्थान के बनाए नियम लागू होते थे। ये नियम श्रम एवं रोजगार और श्रमिकों को विश्वास में लेकर तैयार करके लागू होते रहे हैं। अगर 50 से कम कामगार हैं तो श्रम विभाग के नियमों का पालन करना पड़ता है। इस संशोधन के बाद से नियोक्ता इच्छा के अनुसार तय सीमा के लिए कामगारों की नियुक्त कर पाएंगे। यह अवधि तीन माह से तीन साल तक भी हो सकती है। 

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