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Chief minister of Himachal Pradesh |
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना राज्य में अधिक उत्पादक कार्यबल का निर्माण करेगी, जो बाजार की मांग, तकनीक और व्यावसायिक कौशल से लैस होगा। परियोजना का उद्देश्य 25 ट्रेडों में राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एससीवीटी) से राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीटी) तक 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को स्तरोन्नत करने के अतिरिक्त नौ रोजगार एक्सचेंज को माडल एक्सचेंज में स्तरोन्नत करना भी है।
सरकार ने परियोजना में सोलन जिले के वाकनाघाट में पर्यटन, आतिथ्य और सूचना प्रौद्योगिकी के उत्कृष्ट केंद्र के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की है। इस संस्थान में निविदा आमंत्रित करने और उपकरणों की खरीद के लिए एक समिति गठित की जाएगी। इस संस्थान का कार्य शीघ्र आरंभ किया जाना चाहिए। राज्य के 6,500 से अधिक छात्र विभिन्न कार्यक्रमों जैसे स्नातक एड आन प्रशिक्षण, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षण, प्रशिक्षण सेवा संस्थानों के माध्यम से प्रशिक्षण और एशियाई बैंक के वित्त पोषित हिमाचल प्रदेश कौशल विकास परियोजना के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
5,000 से अधिक उम्मीदवारों ने 70 प्रतिशत से अधिक प्रशिक्षण घंटे कोविड-19 महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन में समाप्त कर दिए थे। केवल वह विद्यार्थी एसाइनमेंट के लिए पात्र होंगे, जिन्होंने कम से कम 70 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति कुल प्रशिक्षण घंटो के अनुपात में दर्ज करवाई हो। इसलिए लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए को उम्मीदवारों प्रमाण पत्र प्रदान करने पर विचार किया जा सकता है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह, एनएससीडीसी के वरिष्ठ प्रमुख जयकांत सिंह, एफटैक को-फाउंडर बिलीव इंडिया के प्रबंध निदेशक लीथा मल्लिकार्जुन, नवीन शर्मा ने अपने सुझाव दिए।
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