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भारी बारिश और ओलावृष्टि से बागवानी को 201 करोड़ की क्षति

हिमाचल  प्रदेश  में भारी बारिश और ओलावृष्टि से बागवानी को करीब 201 करोड़ की चपत अभी तक लग चुकी है। सोमवार को मंडी, आनी और रामपुर क्षेत्र में सेब फसल पर ओलों की मार पड़ी। बागवानी क्षेत्र का नुकसान और बढ़ने की आशंका है। बागवानी विभाग ने ताजा नुकसान की रिपोर्ट फील्ड से मांगी है। दूसरी ओर, मौजूदा बारिश मक्की और धान की फसल के लिए लाभकारी मानी जा रही है। 
बागवानी निदेशक एमएम शर्मा ने बताया कि भारी बारिश और ओलावृष्टि से अभी तक प्रदेश के विभिन्न भागों में बागवानी क्षेत्र को करीब 201 करोड़ का नुकसान हुआ है। सोमवार को मंडी, आनी और रामपुर क्षेत्र में बारिश और ओलावृष्टि से बागवानी फसलों को और नुकसान हुआ है। फील्ड से रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। बताते हैं कि इन क्षेत्रों में फसलों की तीस फीसदी तक नुकसान होने की सूचना है। कृषि निदेशक डॉ. आरके कौंडल ने कहा कि जून और जुलाई में होने वाली बारिश मक्की और धान की फसल से अच्छी मानी जाती है। इन दिनों धान की बिजाई का काम चल रहा है।

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बगीचों में गिर गए तीस फीसदी सेब

प्रदेश में अंधड़ चलने से रविवार रात उपमंडल बंजार की पलाहच और शरची पंचायत के करीब दस गांवों में सेब को भारी नुकसान हुआ है। अंधड़ चलने से सेब की 30 फीसदी फल बगीचों में गिर गए। प्लम, नाशपाती सहित फलों को भी नुकसान हुआ। सेब सीजन से ठीक पहले अंधड़ व बारिश ने बागवानों को बड़ा झटका दिया है। आनी उपमंडल में भी अंधड़ ने खूब तबाही मचाई।

उपमंडल की 14 पंचायतों में भारी नुकसान हुआ है। रविवार रात करीब 12 बजे तूफान से उपमंडल की पोखरी, कराड़, मोहाण, टकरासी, बिश्लाधार, दलाश, डिंगीधार, ब्यूंगल, तलूणा, बैहना, जाबण, नम्होंग, कुठेड़ और तांदी पंचायत में सेब की फसल तबाह हो गई। आनी में एक बागवान के बगीचे से दो से पांच क्विंटल तक सेब की फसल गिर गई। जिला कांगड़ा में तेज तूफान और बारिश से आम, लीची और आड़ू की फसल को काफी नुकसान पहुंचा। मंडी में प्लम और खुमानी के फल झड़ गए हैं।


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