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कोरोना के साथ जीना सीख रहे लोग, हिमाचल के उद्योगों में उत्पादन शुरू

हिमाचल : लॉकडाउन के बाद अनलॉक-1 में हिमाचल के लोग अब कोरोना के साथ जीना सीख रहे हैं। जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है। लॉकडाउन में प्रदेश के उद्योगों में थमी उत्पादन की रफ्तार अब फिर तेज होने लगी है। केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से जारी एसओपी की शर्तों पर अमल करते हुए सिरमौर जिले में संचालित उद्योगों की संख्या अनलॉक-वन में 850 पहुंच गई है। 
हिमाचल उद्योग


लॉकडाउन में संख्या पहले करीब 200 और फिर 450 हो गई थी। उद्योगों का उत्पादन भी बढ़ने लगा है। यहां उद्योगों में उत्पादन अब 70 फीसदी तक पहुंच रहा है। उद्योग प्रबंधन ज्ञान चौहान ने बताया कि जिले में लगभग सभी उद्योग चल रहे हैं। उधर सोलन जिले में बीबीएन और परवाणू औद्योगिक क्षेत्रों में 50 से 60 प्रतिशत लेबर काम पर लौट आई है। बीबीएन में 2500 उद्योग हैं। जिनमें फार्मा, लघु व मध्यम उद्योगों की संख्या अधिक है। यहां करीब एक लाख 50 हजार कामगार हैं। परवाणू की बात करें तो यहां 250 उद्योग पंजीकृत हैं, जिनमें 190 चल रहे हैं। यहां 50 प्रतिशत कामगार काम पर लौट आए हैं। परवाणू उद्योग संगठन के महासचिव सार्थक ने बताया कि लॉकडाउन से पूर्व 18 से 20 हजार कामगार परवाणू में थे। 
जिला कांगड़ा में करीब साढ़े तीन माह बाद सभी छोटे-बड़े उद्योग 100 फीसदी शुरू हो गए हैं। जिले में करीब 9 हजार छोटे-बड़े उद्योग हैं, जिनमें अभी 50 फीसदी श्रमिक काम कर रहे हैं। जिला श्रम अधिकारी राजकुमार ने बताया कि जिले में 90 फीसदी उद्योगों में काम शुरू हो गया है। सभी श्रमिकों के लिए रहने की व्यवस्था की गई है। 
 सिरमौर जिला फार्मा उद्योगों के लिए जाना जाता है, जो कि लॉकडाउन में भी चलते रहे। हालांकि अन्य उद्योगों में उत्पादन बंद था। अब अन्य उद्योगों को खोलने की अनुमति के बाद न केवल लोगों तक जरूरी सामान पहुंचने लगा, बल्कि हजारों लोगों का रोजगार भी शुरू हो गया। चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष सतीश गोयल ने कहा कि अब कोरोना के साथ जीना पड़ेगा, लेकिन सरकार और प्रशासन को चाहिए कि उद्योगों से जुड़ी समस्याएं दूर हों।

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