ये नामी कंपनियां मौके पर सेब की क्वालिटी देखकर बगीचों में ही फसल खरीदना चाहती हैं। प्रदेश में पैदा होने वाले अच्छे सेब पर इनकी नजर है। कंपनियां सिर्फ ऊंचाई में पैदा होने वाले सेब की खरीद करेंगी। माना जाता है कि जितनी ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में सेब पैदा होता है, उसकी भंडारण क्षमता भी उतनी ज्यादा होती है। इस कारण कंपनियों की नजर ऊंचाई वाले सेब पर है। कंपनियां अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पैदा होने वाला बढ़िया सेब खरीदेंगी और फसल देखकर ही दाम भी तय होगा।
कंपनियां बागवानों से सिर्फ क्रेट में रखे सेब ही खरीदेंगी। बागवानों से पेटी में रखा सेब खरीदने से परहेज किया जाएगा, क्योंकि कंपनी माल की गुणवत्ता परखने में ज्यादा सिर दर्दी नहीं करना चाहती। कुछ कंपनियों ने अपने सेब खरीद केंद्र खोल दिए हैं और कुछ खोलने में जुटी हैं। इसके अलावा वाल मार्ट जैसे कंपनियां अपने रेफ्रीजरेटर वैन की मदद से अपने सीए स्टोंरों में सेब खरीदकर पहुंचाएंगी।
क्या कहते हैं बोर्ड के एमडी
हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग बोर्ड के प्रबंध निदेशक नरेश ठाकुर ने कहा कि बड़ी कंपनियां हिमाचल में बढ़िया सेब खरीदने के लिए आई हैं। कंपनियों के प्रतिनिधियों ने बगीचों में जाकर सेब फसल का सर्वे शुरू कर दिया है।
सेब तैयार होते ही खरीद शुरू हो जाएगी। एपीएमसी के प्रबंध निदेशक ने कहा कि प्रदेश की विभिन्न मंडियों से अभी तक 75 हजार पेटी सेब देश की विभिन्न स्थानों के लिए भेजा जा चुका है। 20 जुलाई के बाद सीजन जोर पकड़ने वाला है। इसके बाद मंडियों में सेब ज्यादा मात्रा में जाएगा
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